अगर आपके घर में पैसे की कमी है लेकिन बच्चे का एडमिशन अच्छे कॉलेज में हो गया है, तो चिंता करने की जरूरत नहीं है। अब सरकार खुद पढ़ाई का पूरा खर्च उठाएगी, वो भी बिना किसी गारंटी और जमानत के। हम बात कर रहे हैं “प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी योजना” की, जो खास तौर पर मेरिट पर आधारित है। ये योजना उन होनहार छात्रों के लिए है जो क्वालिटी हायर एजुकेशन के लिए तैयार हैं लेकिन पैसों की कमी उनके सपनों के रास्ते में रोड़ा बन रही है। इस स्कीम में न तो गारंटर की जरूरत है, न ही जमानत की, और पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होती है।
पढ़ाई के लिए पैसा अब सरकार देगी, वो भी बिना गारंटी!
प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी योजना के तहत छात्रों को गारंटी या कोलैटरल के बिना एजुकेशन लोन मिल सकता है। इस योजना का मकसद ये है कि पैसे की कमी की वजह से किसी छात्र की पढ़ाई ना रुक पाए। इसके लिए आपको किसी बैंक में चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे, सारी प्रक्रिया ऑनलाइन होती है। योजना के तहत छात्रों को 3% का ब्याज सब्सिडी भी मिलती है, बशर्ते परिवार की सालाना आय ₹8 लाख से कम हो। इसका मतलब ये है कि सामान्य एजुकेशन लोन की तुलना में आपको कम ब्याज देना पड़ेगा और पढ़ाई के बाद लोन चुकाने में भी आसानी होगी।


अब मेरिट वालों को नहीं रुकना पड़ेगा, पढ़ाई का खर्च सरकार उठाएगी
इस योजना का सबसे खास पहलू यह है कि यह पूरी तरह मेरिट पर आधारित है। यानी अगर आपने खुद की मेहनत से किसी अच्छे कॉलेज में एडमिशन पाया है, तो पैसे की चिंता अब आपकी नहीं, सरकार की होगी।

इस योजना के तहत देशभर के 860 से ज्यादा Quality Higher Education Institutions को कवर किया गया है। अगर आपको इनमें से किसी भी इंस्टीट्यूट में एडमिशन मिला है, तो आप इस योजना के लिए योग्य माने जाएंगे।
सारा प्रोसेस एकदम ऑनलाइन, ना लाइन में लगो ना चक्कर काटो
प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी योजना की एक और बड़ी खासियत यह है कि इसके लिए आवेदन की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होती है। ना बैंक के चक्कर, ना सरकारी दफ्तर की भीड़। आपको सिर्फ ऑनलाइन आवेदन करना है और जरुरी डॉक्युमेंट्स अपलोड करने हैं। इस स्कीम को लागू करने की जिम्मेदारी केनरा बैंक को दी गई है, जो नोडल बैंक के रूप में काम करता है। बैंक के साथ कोऑर्डिनेशन करके शिक्षा मंत्रालय इस स्कीम को चलाता है।
बिना जमानत और गारंटर, मिलेगा इतना फायदा – जान लो सब कुछ
प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी योजना में आपको लोन के लिए न गारंटर देना होता है और न ही किसी तरह की कोलैटरल सिक्योरिटी। यह सुविधा विशेष रूप से उन छात्रों के लिए बनी है जो पढ़ाई में तेज हैं लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर हैं। अगर परिवार की सालाना आय ₹8 लाख से कम है, तो आपको 3% की ब्याज सब्सिडी भी मिलेगी। इसके अलावा छात्र की योग्यता ही सबसे बड़ा मापदंड है, न जाति देखी जाएगी, न राज्य। बस मेरिट और इंस्टीट्यूट की क्वालिटी मायने रखेगी।
FAQ: प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी योजना से जुड़े आपके सभी सवालों के जवाब
Q1: प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी योजना के लिए कौन आवेदन कर सकता है?
जो छात्र देश के 860 नामित Quality Higher Education Institutions में मेरिट से एडमिशन ले चुके हैं, वे आवेदन कर सकते हैं।
Q2: क्या इसमें गारंटर या कोलैटरल की जरूरत होती है?
नहीं, इस योजना में न कोई गारंटर चाहिए, न ही कोलैटरल। पूरी प्रक्रिया बिना जमानत के होती है।


Q3: क्या यह योजना सभी छात्रों के लिए है?
नहीं, यह योजना सिर्फ उन्हीं छात्रों के लिए है जिनकी सालाना पारिवारिक आय ₹8 लाख से कम है और जिन्होंने मेरिट से एडमिशन लिया है।
Q4: ब्याज में सब्सिडी कैसे मिलेगी?
सरकार 3% ब्याज पर सब्सिडी देती है, जो कि लोन चुकाने में छात्रों को बड़ी राहत देती है।
Q5: आवेदन कैसे करें?
पूरा आवेदन ऑनलाइन किया जा सकता है। इसके लिए शिक्षा मंत्रालय और केनरा बैंक ने मिलकर एक प्लेटफॉर्म तैयार किया है।
Q6: लोन कितने समय के लिए मिलेगा?
लोन की अवधि उस कोर्स की अवधि पर निर्भर करती है जिसमें छात्र ने एडमिशन लिया है। आमतौर पर यह ग्रेजुएशन से लेकर पोस्ट ग्रेजुएशन तक के कोर्स के लिए होता है।
Q7: क्या प्राइवेट कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र भी आवेदन कर सकते हैं?
अगर कॉलेज सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त Quality Higher Education Institutions की सूची में है, तो हां, वे भी आवेदन कर सकते हैं।

