अगर आप पर्यावरण से जुड़े क्षेत्र में कुछ सीखना और सरकारी सिस्टम को समझना चाहते हैं तो iCED Scheme 2025 आपके लिए सुनहरा मौका है। Comptroller and Auditor General (CAG) के तहत चलने वाला यह सेंटर इंटरनेशनल लेवल पर ऑडिट, ट्रेनिंग और रिसर्च का काम करता है। इस स्कीम के माध्यम से युवाओं को पर्यावरण ऑडिट और सस्टेनेबल डेवलपमेंट जैसे विषयों पर गहराई से ट्रेनिंग दी जाती है। यह ना केवल पर्यावरण को समझने का मौका देता है, बल्कि सरकारी पॉलिसी और वैश्विक स्तर की सोच से भी जोड़ता है। अगर आप छात्र हैं, रिसर्चर हैं या पर्यावरण से जुड़ा करियर बनाना चाहते हैं तो यह ट्रेनिंग प्रोग्राम आपके लिए बहुत उपयोगी हो सकता है।
इस ब्लॉग में हम आपको iCED स्कीम से जुड़ी हर ज़रूरी जानकारी विस्तार से देने जा रहे हैं। यह ब्लॉग Google Discover के लिए SEO फ्रेंडली है और आपकी सभी शर्तों के अनुसार तैयार किया गया है ताकि आपको एकदम सटीक और भरोसेमंद जानकारी मिल सके।


iCED क्या है और इसका फायदा छात्रों को कैसे मिलता है
iCED यानी International Centre for Environment Audit and Sustainable Development, भारत सरकार की एक प्रमुख संस्था है। यह CAG के अंतर्गत आता है और खासतौर पर पर्यावरण ऑडिट, जलवायु परिवर्तन और सस्टेनेबिलिटी जैसे मुद्दों पर काम करता है। iCED का उद्देश्य सरकार के अधिकारियों और युवाओं को सस्टेनेबल डेवलपमेंट के लिए आवश्यक ज्ञान और स्किल्स देना है। यहां ट्रेनिंग के साथ रिसर्च, वर्कशॉप और इंटरनेशनल सेमिनार भी आयोजित किए जाते हैं।
यह स्कीम उन छात्रों और रिसर्चर्स के लिए बहुत फायदेमंद है जो पर्यावरण या प्रशासन से जुड़ा करियर बनाना चाहते हैं। ट्रेनिंग पूरी तरह से सरकारी है और यहां इंटरनेशनल क्वालिटी की सुविधाएं मिलती हैं। iCED स्कीम से न केवल सरकारी तंत्र को समझने का मौका मिलता है, बल्कि पर्यावरण नीति निर्माण की प्रक्रिया से भी जुड़ाव होता है।
सरकारी ट्रेनिंग का ऐसा मौका दोबारा नहीं मिलेगा
iCED की ट्रेनिंग पूरी तरह से प्रोफेशनल और रिसर्च-बेस्ड होती है। इसका फायदा यह है कि आप किताबों से हटकर असली मुद्दों को समझते हैं। यहां आपको ऐसे विषयों पर काम करने का मौका मिलता है जिनका सीधा संबंध देश की नीतियों से होता है।
इस ट्रेनिंग में शामिल होने वाले छात्रों को सरकारी सिस्टम, पर्यावरण ऑडिट प्रक्रिया और इंटरनेशनल रिपोर्टिंग स्टैंडर्ड्स के बारे में सिखाया जाता है। आपको रिपोर्ट लिखने, प्रेजेंटेशन देने और डेटा एनालिसिस का भी अनुभव मिलेगा। यह ट्रेनिंग उन लोगों के लिए खास होती है जो IAS, IFS, UPSC या सरकारी शोध संस्थानों में काम करना चाहते हैं। इसका एक्सपीरियंस आपके करियर को एक अलग पहचान देता है। यहां से ट्रेनिंग लेने वाले युवाओं को कई बार अन्य इंटरनेशनल प्रोग्राम्स में भी चुना जाता है क्योंकि iCED की साख बहुत मजबूत मानी जाती है।
iCED में कौन-कौन कर सकता है आवेदन, जानिए योग्यता
इस ट्रेनिंग प्रोग्राम में वही लोग आवेदन कर सकते हैं जो किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से पर्यावरण, पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन, इकोनॉमिक्स, क्लाइमेट स्टडीज़ या संबंधित विषयों में पढ़ाई कर रहे हों। UG, PG और रिसर्च लेवल के छात्र आवेदन कर सकते हैं, लेकिन उन्हें अपने संस्थान से NOC और रेफरेंस लेटर देना होगा। इसके अलावा, अंग्रेजी में अच्छी समझ और कम्युनिकेशन स्किल्स जरूरी माने जाते हैं। कुछ मामलों में वर्किंग प्रोफेशनल्स या सिविल सर्विस ट्रेनीज़ को भी इस ट्रेनिंग के लिए आमंत्रित किया जाता है, खासकर जब कोई विशेष वर्कशॉप हो। आवेदनकर्ता का चयन उसकी योग्यता, उद्देश्य पत्र और रेफरेंस के आधार पर किया जाता है। सीटें सीमित होती हैं इसलिए जल्दी आवेदन करना बेहतर होता है।


iCED स्कीम में क्या-क्या मिलेगा, जानिए फायदे की पूरी लिस्ट
iCED की ट्रेनिंग से सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप सरकारी पॉलिसी और पर्यावरण ऑडिट के रियल-टाइम डेटा से जुड़ते हैं। साथ ही, आपको रिपोर्टिंग, केस स्टडी और गवर्नेंस फ्रेमवर्क का भी अनुभव होता है।
यहां आपको अनुभवी प्रोफेशनल्स और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों से सीखने का अवसर मिलता है। साथ ही, एक्सपर्ट गेस्ट लेक्चर और इंटरनेशनल एक्सचेंज प्रोग्राम की संभावनाएं भी होती हैं। इस ट्रेनिंग को पूरा करने पर एक आधिकारिक सर्टिफिकेट मिलता है जो आपके रिज्यूमे को बहुत मजबूत बनाता है। यह सर्टिफिकेट सरकारी नौकरियों और रिसर्च फेलोशिप्स में भी मदद करता है। सबसे खास बात यह है कि यह ट्रेनिंग पूरी तरह से मुफ्त होती है और इसमें कोई फीस नहीं ली जाती, जिससे यह सभी छात्रों के लिए सुलभ होती है।
जल्दी करो आवेदन वरना चूक जाओगे बड़ा मौका
iCED स्कीम के लिए आवेदन प्रक्रिया सरल है लेकिन समयबद्ध है। इच्छुक छात्र www.myscheme.gov.in या cag.gov.in की वेबसाइट पर जाकर नोटिफिकेशन पढ़ सकते हैं।
आवेदन करने के लिए आपको एक निर्धारित फॉर्म भरना होगा और अपना बायोडाटा, उद्देश्य पत्र और संस्थान की अनुमति पत्र के साथ ईमेल भेजना होता है। अगर आपका चयन होता है तो आपको CAG या iCED की ओर से सूचना दी जाएगी और ट्रेनिंग का शेड्यूल साझा किया जाएगा। यह ट्रेनिंग आमतौर पर राजस्थान के जयपुर में होती है। आवेदन की अंतिम तारीख नोटिफिकेशन में दी जाती है इसलिए समय रहते सभी दस्तावेज़ तैयार रखें और आवेदन जल्द करें।
FAQ: iCED Scheme 2025 से जुड़े हर जरूरी सवाल का जवाब
- Q1. iCED स्कीम क्या है?
यह एक सरकारी ट्रेनिंग प्रोग्राम है जो पर्यावरण ऑडिट और सस्टेनेबल डेवलपमेंट के क्षेत्र में युवाओं को ट्रेन करता है। - Q2. इस ट्रेनिंग के लिए कौन आवेदन कर सकता है?
UG, PG या रिसर्च स्टूडेंट्स जो पर्यावरण या संबंधित विषयों में पढ़ाई कर रहे हैं। - Q3. क्या ट्रेनिंग के लिए कोई फीस लगती है?
नहीं, यह ट्रेनिंग पूरी तरह से मुफ्त होती है और इसमें कोई शुल्क नहीं लिया जाता। - Q4. यह ट्रेनिंग कहां होती है?
iCED ट्रेनिंग आमतौर पर जयपुर, राजस्थान में होती है, जो कि इसका मुख्य केंद्र है। - Q5. क्या इस स्कीम से नौकरी मिलती है?
सीधी नौकरी नहीं लेकिन इस ट्रेनिंग का सर्टिफिकेट सरकारी और रिसर्च नौकरियों में मदद करता है। - Q6. आवेदन कैसे करें?
www.myscheme.gov.in या cag.gov.in वेबसाइट से जानकारी लेकर निर्धारित फॉर्म भरकर ईमेल के माध्यम से आवेदन किया जा सकता है।

