Land Registry Documents – अगर आप जमीन खरीदने या बेचने की योजना बना रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। केंद्र और राज्य सरकारों ने मिलकर जमीन की रजिस्ट्री प्रक्रिया को पारदर्शी और सुरक्षित बनाने के लिए नए नियम लागू किए हैं। इन नियमों के तहत अब कुछ खास दस्तावेजों के बिना जमीन की रजिस्ट्री संभव नहीं होगी। आइए जानते हैं क्या हैं ये जरूरी दस्तावेज और नए नियमों का मकसद क्या है।
नए रजिस्ट्री नियम का उद्देश्य क्या है?
भूमि विवादों और धोखाधड़ी को रोकने के लिए सरकार ने रजिस्ट्री प्रक्रिया को सख्त और डॉक्यूमेंट-बेस्ड बना दिया है। अक्सर देखा गया है कि बिना वैध दस्तावेजों के या फर्जी कागज़ों के सहारे जमीन की रजिस्ट्री हो जाती थी, जिससे बाद में कानूनी विवाद खड़े हो जाते थे। अब इस नई प्रक्रिया से जमीन की खरीद-फरोख्त ज्यादा पारदर्शी और सुरक्षित होगी।


जमीन की रजिस्ट्री के लिए जरूरी दस्तावेज
नई व्यवस्था के अनुसार, निम्नलिखित दस्तावेज अब रजिस्ट्री के समय अनिवार्य होंगे:
- खसरा-खतौनी की प्रति: यह दस्तावेज जमीन के मालिकाना हक को प्रमाणित करता है।
- भूमि नक्शा (Site Plan): जमीन की सही स्थिति और क्षेत्रफल दिखाने के लिए जरूरी है।
- पिछली रजिस्ट्री की प्रति: पिछले मालिक के साथ हुए सौदे का रिकॉर्ड।
- प्रॉपर्टी टैक्स रसीद: इससे साबित होता है कि टैक्स क्लियर है।
- नो ड्यूज सर्टिफिकेट: किसी भी बकाया को स्पष्ट करने के लिए जरूरी है।
- पैन कार्ड और आधार कार्ड: खरीदार और विक्रेता दोनों के लिए अनिवार्य।
- इंकम टैक्स रिटर्न (यदि आवश्यक हो): बड़े लेन-देन के मामलों में मांगा जा सकता है।
ऑनलाइन रजिस्ट्री और डिजिटल दस्तावेज़
सरकार अब जमीन की रजिस्ट्री को डिजिटल फॉर्म में ले जा रही है। कई राज्यों में ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से दस्तावेज़ अपलोड करने की सुविधा भी दी गई है। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और दलालों की भूमिका भी कम होगी। डिजिटल हस्ताक्षर और ऑनलाइन भुगतान जैसी सुविधाएं अब रजिस्ट्री प्रक्रिया को और आसान बना रही हैं।
बिना दस्तावेजों के रजिस्ट्री नहीं
नए नियमों के तहत, अगर उपरोक्त में से कोई भी जरूरी दस्तावेज़ जमा नहीं किया गया, तो **रजिस्ट्रार जमीन की रजिस्ट्री रिजेक्ट कर सकता है**। ऐसे मामलों में संपत्ति का लेन-देन अवैध माना जाएगा। इसलिए सभी दस्तावेज पहले से तैयार रखें और किसी प्रकार की गलती से बचें।


वकील या रजिस्ट्री एजेंट से सलाह लें
रजिस्ट्री प्रक्रिया जटिल हो सकती है, खासकर अगर आप पहली बार संपत्ति खरीद रहे हैं। इसलिए सलाह दी जाती है कि आप किसी अनुभवी वकील या प्रमाणित रजिस्ट्री एजेंट से मार्गदर्शन लें। वे आपको दस्तावेजों की वैधता, टैक्स नियमों और कानूनी प्रक्रियाओं की सही जानकारी देंगे।
भूमि रजिस्ट्री से जुड़े नए नियम 2025 से लागू हो चुके हैं और अब बिना आवश्यक दस्तावेजों के कोई भी रजिस्ट्री नहीं हो पाएगी। अगर आप जमीन या प्रॉपर्टी खरीदने-बेचने की योजना बना रहे हैं, तो सभी डॉक्यूमेंट्स समय से तैयार रखें और डिजिटल प्रक्रिया का लाभ उठाएं। सही जानकारी और सतर्कता से आप किसी भी कानूनी परेशानी से बच सकते हैं।