अगस्त 2025 की पहली तारीख जैसे ही कैलेंडर पर आई, देशभर के करोड़ों घरों में एक ही सवाल गूंजने लगा – इस बार रसोई गैस सिलेंडर के दाम क्या होंगे? महंगाई के इस दौर में, जहां हर रोज सब्जियों से लेकर दूध तक की कीमतें आसमान छू रही हैं, वहीं रसोई गैस के दाम में किसी भी तरह की कमी लोगों के लिए किसी त्यौहार से कम नहीं होती। इस बार सरकार ने जो कदम उठाया, उसने वाकई में आम आदमी के चेहरे पर मुस्कान लौटा दी। घरेलू एलपीजी सिलेंडर के दामों में ऐतिहासिक गिरावट की घोषणा हुई, और वह भी इतनी बड़ी कि लोगों को अपने कानों पर यकीन तक नहीं हुआ।

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यह सिर्फ 20–30 रुपये की मामूली राहत नहीं थी, बल्कि कई सौ रुपये की कटौती थी जिसने महीने का बजट ही हल्का कर दिया। बाजार में 14.2 किलो वाले घरेलू सिलेंडर की कीमत अचानक कम हो जाने से घर-घर में खुशियों का माहौल बन गया, सोशल मीडिया पर लोग इसे ‘सरकार का बड़ा तोहफा’ बताने लगे। एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह गिरावट अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल और एलपीजी की कीमतों में आई कमी का नतीजा है, साथ ही सरकार ने सब्सिडी के जरिए उपभोक्ताओं को अतिरिक्त राहत देने का फैसला किया है। अब एक औसत परिवार के लिए मासिक रसोई बजट में बड़ी बचत होगी, जिससे दूध, सब्जी, दाल और बच्चों की पढ़ाई जैसे अन्य खर्चों पर भी पैसा आसानी से लगाया जा सकेगा।


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इस फैसले से न सिर्फ मध्यम वर्ग बल्कि ग्रामीण और गरीब परिवारों को भी सीधी राहत मिली है, क्योंकि वे अब कम पैसों में खाना पका पाएंगे और बाकी रकम अन्य जरूरी जरूरतों पर खर्च कर सकेंगे। यह ऐतिहासिक गिरावट ऐसे समय में आई है जब बरसात और बाढ़ के कारण कई राज्यों में रोजमर्रा की चीजों के दाम पहले से ही बढ़े हुए थे, ऐसे में यह राहत लोगों के लिए किसी जीवनदान से कम नहीं। दुकानदारों के मुताबिक, कीमत कम होते ही लोगों में सिलेंडर बुक कराने की होड़ मच गई, और कई जगह तो बुकिंग रिकॉर्ड तक टूट गए।
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कुल मिलाकर अगस्त 2025 का यह फैसला आने वाले महीनों में भी आर्थिक मोर्चे पर राहत देने वाला साबित हो सकता है, क्योंकि ऊर्जा की लागत कम होने से परिवहन, होटल-रेस्तरां और अन्य सेवाओं के दाम भी काबू में रहेंगे। अगर यही रफ्तार बनी रही तो आने वाले दिनों में महंगाई की रफ्तार धीमी पड़ सकती है, और देश की जेब पर पड़े बोझ में हल्की-फुल्की कमी आ सकती है। ऐसे में, यह कहना गलत नहीं होगा कि अगस्त 2025 की यह तारीख भारतीय उपभोक्ताओं की यादों में लंबे समय तक दर्ज रहेगी।
10 अगस्त 2025 की तारीख जब आई, तो रसोईघर की रौनक लौट आई – क्योंकि एलपीजी सिलेंडर की दुनिया में पिछले हफ्ते जो बदलाव हुए, उनका असर सीधे आम आदमी की जेब पर पड़ा; सो ये पूरी कहानी एक ताज़गी भरी राहत का एहसास है। दरअसल, पिछले सात दिनों में घरेलू सिलेंडर (14.2 किग्रा) की कीमतों में कोई भी बदलाव नहीं हुआ, यानि ₹852.50 प्रति सिलेंडर जैसा पहले था, वैसा ही बना रहा—चाहे मुंबई हो, दिल्ली हो, कोलकाता हो या चेन्नई; सब शहरों में यह रेट अपरिवर्तित रहा भारत सरकार ने घरेलू रसोई गैस को महंगाई की मार से बचाने के लिए स्थिरता बरकरार रखी, जिससे हर छोटा-सा परिवार अपने बजट को लेकर उबकाई महसूस किए बिना चैन की सांस ले सका।


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दूसरी ओर, वाणिज्यिक सिलेंडरों (19 किग्रा) में जबर्दस्त गिरावट देखने को मिली—नियमित हर महीने की तरह, ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने 1 अगस्त से ही 19 किग्रा सिलेंडरों की कीमत में ₹33.50 प्रति सिलेंडर की कटौती कर दी, जिससे दिल्ली में यह अब ₹1,631.50 हो गया, बजाय पिछले महीने के ₹1,665 के; कोलकाता, मुंबई, चेन्नई समेत अन्य शहरों में भी इसी तरह के बदलाव दर्ज किए गए ये बदलाव सिर्फ आर्थिक आँकड़ों तक सीमित नहीं था—यह असल में होटल, ढाबा, छोले-भठूरे वाले, कैटरर, खान-पान की दुकानें और छोटे व्यापारियों के लिए वो राहत थी जिसकी उन्हें सख्त ज़रूरत थी, क्योंकि गैस उनका दैनिक खर्च अहम घटक है।
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हल्के से सिले हुए इस रेट में गिरावट ने कारोबारियों को भी मुस्कान दी, और हो सकता है कि यह बचत ग्राहकों तक भी सस्ती चाय–सर्दियों की खिचड़ी या गरम पराठे के रूप में पहुँचे। दूसरी तरफ घरेलू रेट की स्थिरता ने आम नागरिक को ये भरोसा दिया कि गैस के बढ़ते दामों से परिवार में किचन बजट बिखर नहीं रहा। कुल मिलाकर, इस एक हफ़्ते में घरेलू सिलेंडर की कीमतों में कोई हलचल नहीं हुई और वाणिज्यिक सिलेंडरों में मामूली लेकिन असरदार राहत मिली; इससे साफ है कि सरकार और तेल कंपनियाँ—महंगाई पर चुप्पी तोड़ते हुए दोनों स्तरों पर संतुलन बनाए रखने की कोशिश कर रही हैं, जिससे छोटे परिवारों की रसोई व छोटे व्यवसाय दोनों को बेहतर सहारा मिल सके। इस रिपोर्ट ने एक आम बंदे की ज़िंदगी की तह तक झाँकने की कोशिश की है जिसमें रसोई की छोटी-छोटी बचत भी बड़ी राहत हो जाती है, और ये बचत कभी कभी चुल्लूभर पानी से भरी आस लग जाती है।

